स्मृति लेन के नीचे,
पुरानी यादों के राजमार्ग पर
ऊपर लटकती शाखाओं पर,
वर्षों की गहराई में दबी जड़ों में
मैंने एक निशान की तलाश की,
याद दिलाने के लिए एक संकेत
कभी-कभी कोई छाया चमक उठती,
परिचित फिर भी अजीब
लेकिन सटीक आकार कभी नहीं
उस दुर्घटना का,
वह बेहूदगी
जिसे मैं अब भूल गया हूं
और जैसे ही मैंने हार मान ली
यह मेरे होश उड़ा देने वाली बात थी
वो गाना जो मैं गुनगुनाता था
कूदते हुए उसके घर से
जब हम दोनों थे
युवा और मूर्ख
और खुश उतना ही जितना कोई हो सकता है
सिर्फ प्यार में
जैसा कि हम
ना हो पाए फिर कभी
तब से
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